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Story of Baidyanath Dham | Babadham Temple | Deoghar | जाने क्या है बाबा बैद्यनाथ धाम | बाबाधाम | देवघर की कथा

Story of Baidyanath Dham

जानें क्या है बाबा बैद्यनाथ धाम या बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर की कथा, विश्व प्रसिद्ध बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में आपका स्वागत है।

Story of Baidyanath Dham


भारत के झारखंड राज्य में, देवघर जिसे बाबाधाम भी कहा जाता है के मध्य में स्थित, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित द्वादस पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है, इसलिए बाबाधाम को शिव भक्तों के लिए एक अत्यंत पूजनीय पवित्र स्थल माना जाता है।

बाबा बैद्यनाथ धाम का एक नाम रावणेश्वर बैद्यनाथ भी है |

Story of Baidyanath Dham

रावण की तपस्या से खुश होकर देवादिदेव महादेव (भगवान शिव के अन्य कई नाम में एक नाम) भोले भंडारी शिव ने लंकापति रावण से वर (आशीर्वाद) मांगने को कहा, तब रावण ने शिव शंकर से ‘कामना लिंग’ को लंका ले जाने का वरदान माँगा .

लंका नरेश रावण के पास सोने की लंका के साथ साथ तीनों लोकों में शासन करने का सामर्थ तो थी ही साथ ही साथ रावण ने कई देवता, यक्ष और गंधर्वो को कैद कर लंका में रख रखा था. इस वजह से रावण ने ये वरदान माँगा कि भगवान शिव कैलाश को छोड़ लंका में स्थित रहें.

शिव में रावण को मनोकामना लिंग शर्त के साथ दिया कि वह इसे तब तक जमीन पर न रखे जब तक कि यह लंका में अपने निर्धारित स्थान पर न पहुंच जाए और अगर जमीन पर कहीं भी रख दिया तो मै वहीँ स्थापित हो जाऊंगा वहां से नहीं उठूंगा | रावण ने शर्त मान ली और आशीर्वाद देकर भगवान अन्तरध्यान हो गए.

रावण सहर्ष मनोकामना लिंग को लेकर लंका प्रस्थान करने की तैयारी करने लगे, भोले भंडारी शिव के द्वारा दिए वर से देवता लोक में हाहाकार मच गया, सभी देवता पालनकर्ता भगवान विष्णु के पास गए ओर कहा रावण मनोकामना लिंग लेकर लंका जा रहा है अगर शिवलिंग लंका पहुंच गया तो भोले नाथ शिव कैलाश की जगह लंका में वास करेंगे |

भगवान विष्णु ने लीला रची ओर वरुण देवता को आचमन के जरिये रावण के उदार (पेट) में प्रवेश करने को कहा, रावण आचमन कर शिवलिंग को लेकर तो देवघर के पास उसे लघुशंका लगी.

ऐसी स्थिति में लंकापति रावण को एक ग्वाला दिखाई दिया और लंकापति ने शिवलिंग उस ग्वाले को दिया और लघुशंका करने चल दिए.

पैराणिक कथाओं के अनुसार कहते है बैजु नाम के उस ग्वाले के रूप में श्री हरि, भगवान विष्णु थे. इस वजह से इस पावन तीर्थ स्थान का नाम वैजनाथ धाम, बैद्यानाथ धाम, रावणेश्वर बैद्यनाथ धाम नामों से विख्यात है |

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